वरना यूँ छटपटाना, मेरी आदत तो ना थी ।
Nikhlesh prajapat✍️✍️
अब मेरे दर्द-ए-दिल की दवा तू न कर,
हर दवा तेरी यूँ ही बिखर जाएगी,
दिल के ज़ख्मों पे तू कोई मरहम न कर,
ये अदा तेरी दिल में उतर जाएगी,
आशियाना है ग़म-ए-ज़िन्दगी का मेरी,
दूर होते ही उल्फ़त बिखर जाएगी।
Nikhlesh prajapat✍️✍️
मैं भी अंजान था दिल भी अंजान था,
सीने में ख्वाहिशों का एक तूफ़ान था,
हमने समझा जिसे अपने घर का रकीब,
वो तो आया-गया एक मेहमान था।
कुछ तेरा काम था कुछ मेरा काम था,
तेरी गलियों में आशिक मैं बदनाम था,
इतनी शिद्दत से चाहा था तुझको सनम,
जान निकली तो तुझ पर ही इल्ज़ाम था।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
मेरे जाने का तू अब कोई ग़म न करना,
अपनी खूबसूरत आँखों को नम न करना,
मेरे अरमान तो मेरे दिल में ही जल गये,
मेरी यादों को दिल से कम न करना।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
चर्चे... किस्से...नाराजगी आने दो,
मुझको इश्क़ में और
इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️����
न देखने से मेरा प्यार कम ना होगा,
तू पलट के ना देख इजहार कम ना होगा,
तुझको देख कर धड़कनें बढ़ जाती है सच है,
लेकिन तेरे लिए मेरे दिल में प्यार कभी कम ना होगा।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
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