आँखों में आँसुओं की लकीर बन गयी,
जैसी चाही थी वैसी ही तकदीर बन गयी,
हमने तो चलाई थीं रेत में उँगलियाँ,
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी।
हर एक मुस्कुराहट मुस्कान नहीं होती,
नफरत हो या मोहब्बत आसान नहीं होती,
आँसू ख़ुशी और ग़म के होते हैं एक जैसे,
इन आँसुओं की कोई पहचान नहीं होती।
-Nikhlesh prajapat✍️✍️
मुमकिन हो आपसे तो भुला दीजिये मुझे,
पत्थर पे हूँ लकीर, मिटा दीजिये मुझे,
हर रोज़ मुझसे ताज़ा शिकायत है आपको,
मैं क्या हूँ, एक बार बता दीजिये मुझे।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमें तो कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
आप तो डर गए हमारी एक ही अदा से,
हमें आपकी कसम देकर हजारों ने लूटा।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
2 line heart touching shayari
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरा क़लम फ़राज़, मैं प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिख जाता है।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
उस इश्क़ की आग मेरे दिल को आज भी जलाया करती है,
जुदा हुए तो क्या हुआ ये आँख आज भी उनका इंतज़ार करती है।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
तुम्हें क्या बताये इश्क़ में मिलता है दर्द क्या...
मरहम भी पिघल जाते हैं ज़ख्म की गहराई देखकर।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
वो जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये दोस्त,
हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
वो जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये दोस्त,
हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
कभी तिनके, कभी पत्ते, कभी खुशबू उड़ा लाई,
हमारे घर तो आँधी भी कभी तनहा नहीं आई।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
उसके बगैर भी तो अदम कट गई हयात,
उसका खयाल उससे जियादा जमील था।
- Nikhlesh prajapat✍️✍️
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
भूल जाऊं मैं तुम्हे, लोग मुझसे ये आसानी से कह देते हैं,
शायद खेल समझते हैं इश्क़ को वो, इसलिए इसे मुंह ज़ुबानी कह देते हैं।
शायद खेल समझते हैं इश्क़ को वो, इसलिए इसे मुंह ज़ुबानी कह देते हैं।
Nikhlesh prajapat✍️✍️
दिल का हाल बताना नही आता,
हमे ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,
सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज़ को,
पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता।
हमे ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,
सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज़ को,
पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता।
Nikhlesh prajapat✍️✍️
मेरी मोहब्बत को इस तरह हां कहा उसने, मेरी मां को मां कहा उसने…
Nikhlesh prajapat✍️✍️
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